रविवार, 25 अक्तूबर 2015

Garg brahmin community

Garg brahmin is a sub caste of brahmin community in india. It is also known as garga, guru and krishna gourd in some of area. It is a north indian caste mostly found in Rajasthan, Gujrat, madya pradesh, hariyana, punjab state. They claim their decendent from gargacharya ( also known as garg muni) who was the family priest of loard krishna. The community is involved solely in research and analysis of vedas and other religious work. The community is purely vegetarian  and depends on wheat, maize, rice etc. They use surnames like sharma, joshi, shukl, garg, guru, shukl, dwivedi, trivedi etc. gargbsmds.webs.com

113 टिप्‍पणियां:

  1. Mahrshi gargachary ke vanshaj hone par gorvanvit samaj guru garg Brahman general category me swarn caste Brahman community belong that stand vedic puranik etihasik time. Mahrshi Garg guru upadhi se sammanit hone par samaj Garg guru Brahman name se bhi pahchan hi. Garg rishi ka mul naam gour tha Krishna ke kulguru Gargachary the jisse Krishna Goud Brahman samaj Nam se bhi pahchan hi. Guru garg Brahman samaj ki 84 gotra aavantak 30 rishi gotra hi guru garg Brahman mostly mp rajasthan Gujrat punjab haryana uttrakhand himachal jammu up chatishgar state.

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  2. Mahrshi gargachary ke vanshaj hone par gorvanvit samaj guru garg Brahman general category me swarn caste Brahman community belong that stand vedic puranik etihasik time. Mahrshi Garg guru upadhi se sammanit hone par samaj Garg guru Brahman name se bhi pahchan hi. Garg rishi ka mul naam gour tha Krishna ke kulguru Gargachary the jisse Krishna Goud Brahman samaj Nam se bhi pahchan hi. Guru garg Brahman samaj ki 84 gotra aavantak 30 rishi gotra hi guru garg Brahman mostly mp rajasthan Gujrat punjab haryana uttrakhand himachal jammu up chatishgar state.

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    1. राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र आदि में अनुसूचित जाति में आते है हरियाणा मध्यप्रदेश पंजाब में स्वर्ण जाति में आते है

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    2. गुरु और गरुडा दोनों प्रथक है,दोनों का प्रथक इतिहास है विभिन्न ग्रंथो,संदर्भो व राजकीय अभिलेखों में दिनों प्रथक अंकित है, ये ब्लॉक गर्ग गुरु ब्राह्मण जाति को अंकित करता है।।।

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    3. महाराष्ट्र मे गर्ग ब्राम्हण के सरनेम देशमुख है जो संस्थानिक राजारजवाडा मे आते है जैसे कोल्हापूर शाहू महाराज जो कि शिवाजी राजांके यहा दत्तक गये लेकिन वो गोत्रज संस्थानिक गर्ग ब्राहण घराने मे है

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    4. कृपया अगर आपके पास कोई भी राजकीय अभिलेख जो भी यह स्पष्ट करें की गुरु ओर गुरूडा पृथक है तो हमे अवश्य जानकारी दे हम आपके आभारी रहेंगे...
      9079929665 व्हट्सप नमबर पर सूचित करें

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  3. Apke vichar or sujhav samaj k.liye sahayak hai, we proud to being a garg brahmin, jai gargacharya.

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  4. हिमाचल में पराशर ब्राह्मण जिनका गोत्र गर्ग है उच्च brahmins में है । परंतु समय बदलने के साथ ये भारत के अलग अलग राज्यों में पलायन कर गए। इनकी कुलदेवी सती माता सुजोती है ।। इनका स्थान हिमाचल के kangra तहसील फतेपुर में है।।

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    1. We are Garg Prashar Brahmin s residing in villages Santokhgarh HP and village Kulgran Punjab. We want to understand about our gotra ie how two rishis are associated. About our kuldevi etc

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    2. मै भी नेपालका पहाडी आचार्य गर्ग ब्राह्मण हुँ। हमे मालुम नहि पडरहा है कि नेपाल मे कब कहाँ से आए है । नेपाल मे भी गर्ग गोत्री ब्राह्मण रहते हैं पर हम पहाडी है । क्या तराई और पहाडीयो कि गर्ग ब्राह्मण जाति एक हि है???

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  5. ( as per vishnu purana )If grandson of garga rishi Kalayavana died in battle with Lord Krishna then how Gary gotra still existed can I know from any one.

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  6. मैं राजस्थान से हूँ यहा गर्ग जाती एससी वर्ग में आती है और इन्हे मेघवालों की श्रेणी में बताते हैं आप का क्या तात्पर्य है किरप्या बताने का कष्ट किजिये

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    1. आप गर्ग जाती के विषय में बात कर रहे है।।। जबकि गर्ग गोत्र (गार्रगय) बराहमिण मे उच्च कोटी मे है ।।

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    2. प्राचीन समय में एक शहर 'गर्गमेष' रहा था। संभवतः राजस्थान में जो वर्ग गर्ग होने का दावा करते हैं वह उक्त प्राचीन शहर से पकड़े हुए दास बनाये गए लोग हैं न कि ब्राह्मण। क्योंकि असुरों ने भी कभी ब्राह्मणों को दास नहीं बनाया था।

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    3. राजस्थान में गारो,गरुडा,गुर्डा,आरोड़ा जाति जो सरनेम गर्ग लिखती हैं अनुसूचित जाति में आती है जो उत्तर पश्चिम राजस्थान में निवास करती है परन्तु दक्षिण पूर्वी राजस्थान में गर्ग ब्राह्मण जाति निवास करती है जो सवर्ण जाति है।

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    4. किस आधार पर आप दास साबित कर रहे हो तथ्य सहित कोई प्रमाण प्रस्तुत करें जी

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    5. गर्ग जाति एससी में नहीं आती है गर्ग जाति gen से आती है लेकिन गर्ग और गरुड़ा एक जाति है सब गर्ग पर कुछ जगह आरक्षण का फायदा लेने के लिए गरुड़ा शब्द का इस्तेमाल करते हैं बाकी वह भी गर्ग ब्राह्मण है

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    6. we the garg,guru of western raj are descendents of rishi gargacharya.yahan hum sc caste k yha puja path evam muruht dekhne ka kaam krte h.is area m hame maharaj ya guru khte h.is me koi do rai ni h k hum brhamin h but dalit caste k kaam kaaj dekhne k karan sc se belong krte h.hamare yha jo pidi sunane wale nut aate h vo v hamara parichay garg ,guru brahmin k taur pr krti h.haridwar m upplabdh sakshyon m bhi hame bhrahmin bataya gya h to fr kese srf hm sc m ane se das ho gye??

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    7. Garg ब्राह्मण वर्तमान में ओबीसी की 87 no ki category में आते है ।

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  7. मैं राजस्थान से हू जोशी जाति को सवर्न श्रेणी में माना जाता है पर जोशी जाति के लोग शनि देव का दानलेते हैं क्या ये अनुसूचित जाति में नहीं आते

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  8. मुख्य रूप से सभी ब्राह्मणों की उत्पत्ति भगवान श्री ब्रह्मा जी के पुत्र सप्त ऋषियों से हुई है,इसलिये सभी ब्राह्मण समान रूप से एक ही है।
    अरतार्थ सभी ब्राह्मण समान है तथा न कोई उच्च एवं निम्न कोटि में है लेकिन अपने अपने कर्मो के अनुसार एवं स्वार्थपूर्ति के कारण ब्राह्मण समाज मे अनेकानेक भेद
    बन गए है।
    सनातन हिन्दू धर्म मे जन्म से मृत्यु तक के मुख्यतः 16 संस्कार ब्राह्मण ही करवाता है ओर सभी हिन्दू समाज के लिये इन 16 संस्कारों का पालन करना भी अनिवार्य है,लेकिन इन संस्कारों में भी कुछ संस्कारों को
    उच्च एवं कुछ संस्कारों को निम्न माना गया है तथा समस्त हिन्दू समाज को भी उच्च सुवर्ण समाज एवं दलित आरक्षित समाज,दो वर्गों में विभाजित कर दिया गया है।
    अतःसुवर्ण समाज व दलित समाज के संस्कार कार्य जिस ब्राह्मण के द्वारा सम्पन्न करवाया जाता है,अतः उस ब्राह्मण को भी अनुचित तरीके से उसी श्रेणी में माना गया
    है,जो ब्राह्मणों की स्वार्थपूर्ति के अतिरिक्त और कुछ नहीं था।

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  9. जी ,जोशी जाति जो शनि का दान लेती है वो कहीं जोषी , कहीं ज्योतिषी , कहीं भार्गव , कहीं डाकोत , कहीं देशांतरी तो कहीं भृगुवंशी भार्गव ब्राह्मण से जानी जाती है। मैं स्वयं डाकोत भृगुवंशी हुँ और महर्षि डामराचार्य के वंश से हुँ जिन्होंने डामर संहिता रची और गुजरात मे डाकोर तीर्थ आप ही ने बसाया ओर इन्ही से हमें डाकोत ब्राह्मण कहा जाने लगा। महर्षि भृगु के कुल में उनकी पत्नी ख्याति से महर्षि शुक्राचार्य जी का जन्म हुआ और क्रमशः उनसे शंकराचार्य जी फिर षनडाचार्य जी फिर शाण्डिल्य ऋषि हुए और इन्ही शाण्डिल्य ऋषि से महर्षि डामराचार्य जी हुए जिन्हें डक ऋषि , डक्का ऋषि , डंक ऋषि आदि नामों से जाना गया। हम डाकोत ब्राह्मण राजस्थान में ओबीसी में आते है। महाभारत ग्रन्थ के अनुशासन पर्व के अध्याय 14 के श्लोक 128 और 129 में महर्षि डामराचार्य जी का वर्णन है जो भृगुवंशी थे। इसलिए हम डाकोत/देशांतरी/जोशी भृगुवंशी ब्राह्मण है।


    मुकेश जोशी
    आमेट , जिला राजसमन्द ( राज. )
    M. :- 8003180033

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  10. जो शनि का दान लेते है शनि पूजा,जाप करते है ऐसे
    लोग जोशी,ज्योतिषी लिखते है और पिछड़े वर्ग में आते है
    हमारे मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश में जोशी सरनेम ब्राह्मणों का भी
    होता हैऔर सभी सामान्य वर्ग में आते है जो शनि वाले
    जोशी है वो ब्राह्मण नही होते। सही ब्राह्मण का पता लगाना हो तो उसकी रिश्तेदारों की जानकारी लो कि आपके मामा, फूफा,जीजा,साले,साडू,मौसा, कौन है जब चारो ओर से
    ब्राह्मणों की रिश्तेदारी नजर आये तो समझ लीजिये कि ये
    ब्राह्मण है।यदि वह ब्राह्मण लिखता है अथवा ब्राह्मण बनता है तो उसकी गहराई से जाँच कर आस पास जानकारी करें
    फिर निर्णय पर पहुँचे।

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    1. आपको किसने कहा कि जो शनि का दान लेने वाले जोशी डाकोत ब्राह्मण नही होते। जो दान लेते है वो ब्राह्मण ही कहे गए है वरना हर किसी की औकात नही होती कि वो दान ले सके। दूसरा डाकोत जोषी ब्राह्मण होते है इसके सैकड़ो प्रमाण है मेरे पास किन्तु मुझे सिद्ध करने की जरूरत नही। सिद्ध वो करते है जो ब्राह्मण नही होते मिस्टर अननोन।


      मुकेश जोशी ( डाकोत/देशांतरी/भार्गव/ज्योतिषी समाज )
      8003180033 ( M. )
      आमेट , राजसमन्द , राजस्थान।

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    2. Jai Maharishi Bhrigu
      Jai Bhriguvanshi Parshuram
      Brahmin Ka Karm Hai Daan Lena Or Dena Hamare Hindu Dharm Mein Bhagwan Devi Devta Ke Poojan Ke Baad Daan Lene Ka Kaam Brahmin Ka Hota Hai
      Aapke Hisaab Se Aapke Dharm Mein Alag Se Unkown Log Hote Honge Brahmin Ke Barein Mein Additional information Ke Liye Call Karna Unkown Men 8003881422
      Salaam Shahida Nu
      Jai Bhagat Singh

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  11. गर्ग, गौतम, शांडिल्य ये तीन गोत्र है। उत्तरप्रदेश और बिहार तक किसी भी ब्राह्मण से पूछ लीजिये की इन गोत्रों को लेकर क्या कहावत मशहूर है।
    तो वो कहेंगे ― 'तीन में न तेरह में'
    कहा जाता रहा है कि न तुम तीन में हो न तेरह में हो पर बातें बड़ी बड़ी करते हो..गर्ग, गौतम, शांडिल्य प्रमुख गोत्र माने गये हैं और बाकी तेरह अन्य ऋषि गोत्र हैं।
    इसके अलावा सैकड़ों नाना गोत्र हैं।

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    1. दक्षिण पूर्वी राजस्थान के गर्ग ब्राह्मण भी मूल रूप से उत्तरप्रदेश ब्रज प्रदेश से आए हैं जो ज्योतिष एवं पांडित्य में आज भी श्रेष्ठ हैं जो शुद्ध शाकाहारी और पवित्रतम जीवन जी रहे हैं।

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    2. यह बात 100% सही है गर्ग गरुड़ा गुरु सभी एक है और वह शुद्ध शाकाहारी पवित्रतम जीवन जी रहे हैं इससे ज्यादा क्या प्रमाण दे सकता है

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    3. गर्ग गरुड़ा एक नही है ।
      मेरे पास एक बुक है गरुडा जाति के बारे में जिसमे स्पष्ट लिखा है की गरुडा जाति के लोग नीच समाज के कर्मकांड करवाते है शराब पीते है मांस खाते है ।
      लेकिन जो गर्ग ब्राह्मण है वे उच्च कोटि के ब्राह्मण है शुद्ध ब्राह्मण है । ना तो गर्ग मांसाहारी है और न ही वे शराब पीते है ।
      गर्ग ब्राह्मणों और गरुड़ा जाति को एक बताकर आप गर्ग ब्राह्मणों को बदनाम कर रहे हो

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  12. Very true.
    I am from a Punjabi Brahmin family and my Gotra is also Garga

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  13. We are Garg Prashar Gotra Brahmin from some villages of Una (HP) and adjoining villages in Punjab. Who is our kuldevi and where is it situated. We worship Jwala Devi in all our important events like marriage and tonsured ceremony of sons

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    1. We in gujarat known as Garoda brahmin in SC catagory also have parashar gotra. Our kuldevi is Hinglaj a shakti peeth in Baloochistan Pakistan. Our surname is Damodra comes from our ancestor named Damodar

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  14. Mera naam ankit sharma hai me neemuch madhya pradesh ka rehne wala hu or ek garg brahamin hu aur humari sati mataji bhilwara ke pass hai par kul devi ke lie kripya uchit rah bataye

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  15. Mera naam ankit sharma hai me neemuch madhya pradesh ka rehne wala hu or ek garg brahamin hu aur humari sati mataji bhilwara ke pass hai par kul devi ke lie kripya uchit rah bataye

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  16. गर्ग ब्राह्मण जो गुरु ब्राह्मण नाम से भी जाने जाते हैं जो राजा महाराजाओं के राज गुरु कुल गुरु और जन सामान्य के गुरु रहे हैं हजारों वर्षों से ब्राह्मण कर्म कर रहे है यज्ञ, पूजा पाठ,ज्योतिष, सभी हिन्दू संस्कारों को विधि विधान से करवाना,पढ़ना और पढ़ाना और जिनका आचार विचार खान पान पवित्रतम है निसंदेह उच्चकुलीन गर्ग ब्राह्मण है इनके सैकड़ों वर्षों के राजस्व रिकार्ड में ब्राह्मण​ गुरु, गुरु, गुरु ब्राह्मण गर्ग ब्राह्मण या सिर्फ ब्राह्मण लिखा है​ के ब्राह्मणत्व को कोई नकार नहीं सकता।

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  17. जी हाँ, यह बिल्कुल सही एवं सत्य है कि वैदिककाल में भी शिवपुराण में महर्षि गर्ग राजा हिमवान के कुलपुरोहित रहे थे तथा राजा पृथु एवं महाभारत काल मे यदु वंश के कुल गुरु रहे है जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण जी का नामकरण संस्कार करने सौभाग्य प्राप्त हुआ था,जिनके वंशज गर्ग,गुरु ब्राह्मण नाम विख्यात हुये ओर उच्च कुलीन जाती ब्राह्मण,सवर्ण समाज में माने जाते है, क्योकि इनके राजस्व रिकार्ड में भी जाती "ब्राह्मण"या गुरु ब्राह्मण ही लिखा हुआ है,तथा अभी भी बहुत स्थानों में गांव गुरु,मन्दिर की पूजा पाठ एवं उच्च कुलीन समाज का ब्राह्मण पुरोहिती कार्य करते है।

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  18. Main gujarat se hu aur hamara gotra garo-garga hai aur caste certi.SC Ka diya hai to kya hum brahmin nahi hain??kripya btaiye



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    1. Aap Brahman he aap AK vedhik pith Brahman he aap guru Brahman he aaj kalyug me kalpnik pith ban gai Indian me kalpnik Brahmin he

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    2. श्रीमान जी,
      सामाजिक सिस्टम के अनुसार ऐसा माना गया है,"कि उच्च कुलीन सवर्ण समाज एवं ब्राह्मण जाति को आरक्षित वर्ग में नहीं रखा गया है तथा समाज के निम्न व अछूत जाती को ही आरक्षित वर्ग में रखा गया है"।
      *गर्ग,गुरु ब्राह्मण आरक्षित वर्ग में नहीं आते*
      आप विवेकशील एवं विद्वान है।आप स्वयं विवेकपूर्ण विचार करें।

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    3. aatein hai ji mein khud rajasthan se hu aur humein sc ka certificate diya hai..

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  19. जय श्री कृष्णा मैं राजस्थान से हू हमारी जाति को निचा स्थान नहीं है बल्कि हमारी जाति के लोग खुद एससी का जाति प्रमाण पत्र बनाते हैं मैं भी गर्ग ब्राह्मण जाति का हु लेकिन मैं ओबीसी मे आता हू
    देखीए आप भी ओबीसी का बनवाये हम निच नही है
    हम लडेगे और अपनि हक वापस लाएगे

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    1. Ji bhai shabh me bhi rajsthan se hu guru bhraman privar se hu our sc me aata hu bhai shabh hm agr ab obc ya jnrl kus bhi lagyi hme aap ke brabr to nhi aa skte obc lagyegi to bhi vhi suhasut hmare sat to hogi

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    2. Ji bhai shabh me bhi rajsthan se hu guru bhraman privar se hu our sc me aata hu bhai shabh hm agr ab obc ya jnrl kus bhi lagyi hme aap ke brabr to nhi aa skte obc lagyegi to bhi vhi suhasut hmare sat to hogi

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    3. गारो गरोड़ा लगाते ही एससी में आ जाते है।
      जबकि गर्ग ब्राह्मण ओबीसी या जनरल में आते है
      मेरा खुद का 2 ओबीसी और लास्ट जनरल का सर्टिफिकेट में बना चुका हु

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    4. आप क्या के रहने वाले हो जो आप गर्ग ओबीसी मे आते हो हम तो जोधपुर के रहने वाले हे हम तो ऐसी मे आते है गर्ग

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  20. मान्यवर,
    आप मिथ्या प्रचार कर मात्र केवल भ्रम ही पैदा कर रहे है।मैं आपको स्पष्ट कर दू, कि राजस्थान में जिनकी जाती "गर्ग ब्राह्मण या गुरु ब्राह्मण" है वह यातो सुवर्ण समाज से है अथवा obc से है।
    हाँ जिन लोगो ने गर्ग ब्राह्मण या गुरु ब्राह्मण होकर। भी sc का प्रमाण-पत्र ले रखा है,वह पूर्णतया फर्जी एवं जाती को छुपकर,गलत तथ्यों के आधार पर लिया गया sc का प्रमाण-पत्र है।
    मैं पुनः रेखांकित करता हूँ कि गर्ग ब्राह्मण या गुरु ब्राह्मण को हिन्दुस्थान के किशी भी राज्य में sc का प्रमाण-पत्र नही मिल सकता।
    मान्यवर,आपने जो SC का प्रमाण-पत्र ले रखा है वह जाती " गरुडा, गुरुडा के आधार पर ही ले रखा होगा,नहीं की गर्ग ब्राह्मण या गुरु ब्राह्मण जाति से।
    यदि आप गर्ग या गुरु ब्राह्मण जाती से होकर भी यदि आपने sc का प्रमाण पत्र लिया हैं तो वह फर्जी है।
    कृपया नॉट करें कि sc का प्रमाण पत्र बनाने के लिये आपके द्वारा दिया गया "शपथ पत्र"गरुडा जाती का ही दिया गया होगा और उसी से sc का प्रमाण पत्र प्राप्त होता है।
    कृपया मिथ्या,भ्रम नहीं फैलावे।
    धन्यवाद,
    जय श्री कृष्ण

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    1. आप उच्च जतिके ब्राह्मण है माना पर आपके पास भगवान का दिया कास्ट सर्टी है तो बताओ। ये उच्च नीच ब्राह्मण और जाती हमारी भारतीय संस्कृति
      को ब्राह्मण की देन है। आप उच्च और हम नीच। चलो में एक चैलेंज देता हूं में आपको एक जनमा हुआ नंगा बच्चा देता हूं आपको बताना है उसकी जाति क्या और वो उच्च जतिका है या नीच।भगवानने सभी को समान बनाया है पर ब्राह्मण ने ही अपनों को श्रेष्ठ और उच्च पद पर रखने के लिए भारत में उच्च नीच लाया है।भगवान ने कभी किसी को उच्च नीच नई बनाया था। आपने ही ये सब बनाया है। किसी भी ग्रंथ जो ब्राह्मण द्वारा नहीं लिखा गया उसमें उच्च निच,जातिवाद ,वर्ण व्यवस्था का उल्लेख नहीं है। और जो ग्रंथ ब्राह्मण ने लिखे उसमें अपनी जाति को सर्व श्रेष्ठ बताया है।और दूसरो को निम्न। उच्च नीच करता सर्वन ब्राह्मण का काम है।उच्च नीच इसलिए वे कर रहे ताकि उनकी पद प्रतिष्ठा सबसे ऊपर रहे और उनसे कोई अपनी तुलना ना कर सके। और आप आरक्षण की बात कर रहे हो तो उच्च ब्राह्मण यानी आप सालो से मंदिरों में पूजा करके पगार लेते तो उसमे कोई आपके अलावा पूजा क्यों नहीं कर सकता। मंदिरों में अपने सालो से आरक्षण ले रखी है।तो हम आरक्षण के कारण आप नीच जाती के ब्राह्मण मानते है तो आपके पास भी मंदिरों में हमारे पहले से आरक्षण है तो आप भी नीच जाती के हुए ना फिर तो।अगर आप उच्च जाति के ब्राह्मण है आपको आरक्षण नई है ये सिर्फ नीच ब्राह्मण को प्राप्त है तो आप मंदिरों वाली आरक्षण छोड़ दीजिए। तो आप सही में उच्च ब्राह्मण और हम नीच ब्राह्मण।

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    2. एक दम सही बात है ये जाति वर्ण व्यवस्था ही मनुष्यो में भेदभाव और छुआछूत की जड़ है खास कर जो खुद को उच्च मानते है उनकी ही करी धरी है

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    1. Garg(except parashar), garuda, guru brahmin , garo, garoda, garwa are the same community because they have an intermingled marital.They all are priest of lower community cially meghwal.

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    2. गर्ग और गुरु ब्राह्मण एक है । गरूडा, गारो आदि भिन्न्ं है । इनमें आपसी रिश्तेदारी नहीं होती है । जहाँ गरूडा गारो या गर्वा नहीं होते है वहाँ गर्ग (पाराशर) गर्ग व गुरु ब्राहमण को ही गरूडा या गर्वा आदि समझा जाता है। जबकि गर्ग ब्राह्मण द्वारा सभी उच्च कुल के लोगों का धार्मिक अनुष्ठान, विवाह करवाया जाता है । 100 -150 वर्षो से कुछ स्थानों पर अन्य ब्राह्मण के आपसी कपट की वजह से गर्गब्राह्मणों को अपमान सहना पड़ रहा है । मेघवाल व बुनकर आदि जातियों आदिगौड़ या अन्य गौड़ ब्राह्मण या कोई अन्य ब्राह्मण भी विवाह व अनुष्ठान करवाने जाते है । गर्गब्राह्मण को अन्य जाति का समझने कारण यह भी है कि ये राजस्थान के बाहर से आए है । राजस्थान की जातियों में इसे अन्य जातियों से जोड़ कर देख लेने की वजह से इनकों गलत समझा जा सकता है । जहाँ ये राजस्थान में अपना सरनेम, चतुर्वेदी, भारद्वाज, द्विवेदी या शर्मा आदि लगाते है वहाँ सबसे ऊंचे माने गए है । कुछ भ्रम की वजह से अपमानित होना पड़ता है ।

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    3. गर्ग गरू ब्राहमण समाज बहुत बड़ा समाज है इसमें कुछ लोग अपने फायदे के लिए ऐसे कैटेगरी की जाति का नाम यूज करते हैं जैसे कि गरुड़ा लेकिन वह गुरुडा नहीं है वह विकी अपने फायदे के लिए नाम यूज करते हैं गुरुडा और गर्ग
      दोनों एक है वह अपने फायदे के लिए फर्जी जाति प्रणाम पत्र बनाते हैं

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  22. गुरु ब्राम्हण सारस्वत गौड़ सम्प्रदायी हैं....तथा सम्भ्रांत धारा से सम्बंधित हैं।
    गारुड(गरुड़) ब्राह्मण वर्ग की मूल उत्पत्ति गुर्जर प्रादेशिक (गुजरात)सहस्त्र औदीच्य द्रविड़ सम्प्रदाय से उत्पन्न अन्त्यज वर्गों का धार्मिक कर्म कराने वाला ब्राह्मण समाज ही है।
    तथा-- गरोडा संज्ञक समाज ब्राह्मण वर्ण से सम्बन्ध नहीं रखता, यह मूलतः बौद्ध सम्प्रदाय की एक जाति वर्ग विशेष उल्लिखित है जो कि वर्तमान भारतीय जाति अधिनियम में अनुसूचित वर्ग(S.C.) में आती है लेकिन इस वर्ग के अधिकार का दुरुपयोग समानान्तर नाम की आड़ में अन्य जाति-वर्ग भी करते हुए,राजनैतिक लाभ के उद्देश्य से फ्रॉड कर रहे हैं।

    यह तीनों जाति समाजों का उल्लेख मूल प्रामाणिक ग्रन्थों में उपलब्ध है।

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    1. अति उत्तम। गुरु गर्ग ब्राह्मण जाति उच्च कुलीन ब्राह्मण वर्ग है शुद्ध शाकाहारी यह ब्राह्मण वर्ग हजारों वर्षों से अपनी श्रेष्ठ परंपराओं के साथ अपने अस्तित्व को बचाए रखा है आज भी इस वंश के अधिकांश लोग ज्योतिष एवं कर्मकांड में अपनी श्रेष्ठता स्थापित किए हुए हैं। राजस्थान में यह जाति मुख्य रूप से मथुरा वृंदावन से सैकड़ों वर्ष पूर्व आई है।

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  23. मान्यवर श्री कृपया
    ये बताइए की यूपी और बिहार राज्य में गुरु ब्राह्मण समाज अस्तित्व है?
    और है तो कौन सी सरनेम से जाने जाते है ,
    दक्षिण भारत का भी बताने की कृपा कीजिए

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  24. itiya pandey ka gotra kya hota hai & kya garg gotra hota hai??

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  25. मै अरनव शर्मा गाव बादशाहपुर सीरोली लोनी डिस्ट्रिक्ट गाजियाबाद से हूं! मेरी उम्र २० साल है और मुझे अपने पूर्वजों के बारे में जाने में काफी रुचि है। मेरे पिताश्री गुजरात में रहते है जॉब की वजह से लेकिन हम रहने वाले गाजियाबाद के है। प्लीज मेरी सहायता करे । मुझे बस इतना ज्ञात है कि हम गुजरो के गाओ से है और गोत्र गार्गी है ब्राह्मण । मेरी माताश्री गौर ब्राह्मण है। प्लीज मुझे गार्गी ब्राह्मण के बारे मै जानकारी दे। No. 7094787742

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    उत्तर
    1. मूलतः उत्तर भारत के सभी ब्राह्मण गौड़ ब्राह्मण है। "गार्गी" गर्ग वंशीय ब्राह्मण ही है।
      क्योकि गार्गी,गर्ग गोत्र में उत्पन्न विदुषी है।

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  26. जय श्री कृष्णा मित्रो में गोपाल लाल शर्मा झालावाड़ राजस्थान का हुए मेरी जाति गुरु ब्राह्मण है मेरा मेरा जाति प्रमाण पत्र sc का बनेगा या ओबीसी का या जनरल में रहूंगा बताने की कृपा करे

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    उत्तर
    1. गुरु ब्राह्मण वर्तमान में obc में शामिल है, आप चाहे तो obc के लिए आवेदन कर सकते हैं यदि आप obc प्रमाण पत्र नहीं चाहते तो आप जरनल में सर्वथा सुरक्षित है। गुरु ब्राह्मण का sc वर्ग से कोई संबंध नहीं है।

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    2. जो ग़ुरू ब्राह्मण है वह उच्चकुलीन एवं शुद्ध ब्राह्मण जो सामान्य एवं सुवर्ण समाज की श्रेणी में आते है,नहीं कि sc दलित जाती में।
      जय श्रीकृष्णा।

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  27. ब्राह्मण वर्ण मे जो साखा पतित हुवे या अन्य कारणों से पतित हुवे उनमे से एक ब्राह्मण का समूह जो गर्ग,गुरु,गरोडा,गुरुड़ा एक ही है स्थान एवं भाषा की वजह से गुरु ब्राह्मण जोकी उच्च कोटी के ब्राह्मण थे उन्हें स्व साखा भ्रस्ट होने के कारण पतित होजाने के कारण से अपमान जनक शब्द गुरु के पीछे "डा"लगा के पुकारा जाने लगा किन्तु गुरु कहो या गर्गब्राह्मण अथवा गुरुड़ा ब्राह्मण सभी एक ही है राजस्थान मे कहि sc मे है कई obc मे गुजरात मे sc मे है तो mp मे obc मे सब एक ही है,हरियाणा एवं पंजाब मे स्थिति अलग अलग है जो sc मे मे डाले गये है वे सभी शुद्रो के यहा कर्मकांड आदि कर्म करते है,मथुरा,व्रज,up से राजस्थान मे यादव राजवंश के साथ आए हुवे गर्गवंशी जो आज गरोडा ,गुरुड़ा ,गर्ग ,गुरु नाम से जाना जाता है वे ब्राह्मण प्रतिहारो एवं यादव वंश के युद्ध बाद यादवों की हार के बाद गर्गवंशी ब्राह्मण पूर्वी राजस्थान और मालवा चले गये थे और वहा से गुजरात राजस्थान आदि अन्य क्षेत्रो मे बस गये ,कई गुरुडा ,गर्ग ,गुरु ब्राह्मण ज्योतिषी का कार्य कर रहे है जो की भगवान गर्गाचार्य सेही यह परंपरा चली आ रही है ,मुख्य रूप से ब्राह्मणोतप्ती मार्तण्ड ,निर्णय सिंधु ,धर्म सिंधु एवं जातीभास्कर मे इन्हे गरुड़ गलियां ब्राह्मण कहा गया है 🙏
    निसंदेह वह व्यक्ति मुर्ख ही होगा जो एक ब्राह्मण को अन्य ब्राह्मण से निम्न की श्रेणी मे रखता हो !स्थान भाषा एवं समय के अनुसार इस जाती मे परिवर्तन आया है किन्तु गाय के बछड़े को आप भैंस नही केह सकते वैसे ही ब्राह्मण को नकार नही सकते
    वर्तमान संविधानिक जाती व्यवस्था ने ब्राह्मणो को भी बाट के रख दिया है वर्णव्यवस्था के हिसाब से गर्ग गुरु गरुडा गरुड़ गलियां ब्राह्मण पतित हो सकते है किन्तु यही पतित (कलंक )की वजह से आरक्षन मे रखे जाने पर उनको ब्राह्मण होने की पहचान को मिटाया नही जा सकता ,सभी ब्राह्मण देवता को सत सत नमन सभी ब्रह्म बधु एक बात जानिये के आज जो वर्ण व्यवस्था मे शूद्र मे थे वो जनरल मे तो कही obc मे है जो गुरव (तपोधन )जो ब्राह्मण ही है उन्हें कही कही पर obc मे डाला गया है ,तो कही जनरल मे जो समाज वैश्य मे आता था वही समाज आज sc मे भी है ...क्योंकि संविधानिक जाती व्यवस्था ने पुरे की पूरी महान वर्णव्यवस्था को तोड़मरोड़ दिया है.इस वर्तमान संविधानिक जाती व्यवस्था को और वर्णव्यवस्था के मिश्रीत ज्ञान से किसी को ब्राह्मण ना होने से वंचित करना यानी वर्णव्यवस्था के विरुद्ध जाना ...
    सभी ब्रह्मदेवता को प्रणाम सत सत नमन
    जय महामुनि गर्गाचार्यजी हर हर महादेव जय परशुराम

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    1. एक राज्य में कोई भी जाती दो कैटगरी में नहीं हो सकती, गुरु गर्ग ब्राह्मण व् गरुदा समाज का इतिहास पृथक है गरुदा समाज जिन्हें जिन्हें बहुत सी पुस्तकों में गरुड़ गालियां ब्राह्मण बताया गया है मूल रूप से द्रविड़ श्रेणी की जाती है जो की गुजरात होते हुए पश्छिम् राजस्थान में पायी जाती है जो कालांतर में राजस्थान अनुसुचित् जाती में सर्वदा सुरक्षित है, जबकि गुरु गर्ग ब्राह्मण जो की मूल रूप से गौड़ श्रेणी की ब्राह्मण जाती है जिसकी ुउत्पति ब्रज क्षेत्र से हुई जो मध्यप्रदेश,हरियाना, पूर्वी और मध्य पूर्वी राजस्थान तक फैली हुई है। दोनों जातियों में बहुत से भेद देखने को मिलते हैं गरुदा समाज द्वारा इस डा अक्षर को लेकर जो दलिले दी जाती है वो कदापि सत्य नहीं है ये संभव नहीं की एक तरफ तो आंतरिक रूप से आरक्षण का फायदा ुउठाया जाए और दूसरी ओर दुनिया के सामने ब्रह्मनित्व् का पर्दा पहना जाएँ। लोग गुरु गर्ग ब्राह्मण को गरुडा, गुरव आदि घोषित करने की कितनी भी कोशिश करले। ये ब्राह्मण शुद्ध रुप् से उच्च्कुलिन् ब्राह्मण जाती है और रहेगी।।

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    2. आदरणीय,
      मेरा इस मानना है कि जो ब्राह्मण है वह दलित नहीं हो सकता तथा जो दलित है वह ब्राह्मण नहीं।
      अतः हमें भ्रमित नहीं होना चाहिए।
      जो गर्ग ब्राह्मण है वह शुद्ध एवं उच्चकुलीन आद्ध्य गौड़ ब्राह्मण समाज का ही एक स्वतंत्र ब्राह्मण भेद है,जिन्हें द्वापर युग मे यदुकुल के कुलगुरु रहकर भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम जी का नामकरण संस्कार एवं यज्ञपवित संस्कार करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ,जिनका वंश परवर में ब्रह्मा जी मुख से उतपन्न हुए महर्षि अंगिरा जिनके पुत्र देवगुरु बृहस्पति तथा ग़ुरू बृहस्पति के भारद्वाज जो राजा भारत के दत्तक पुत्र रहे,ऐसे महान वंश में उत्पन्न महर्षि गर्ग जो यादव कुल के कुल ग़ुरू रहे।
      ऐसे महान ऋषियों के वंशज गर्ग ब्राह्मण दलित कैसे हो सकते है?
      इसलिये यह शुद्ध एवं उच्चकुलीन ब्राह्मण है।
      कृपया भ्रमित नही करें,कि गर्ग ब्राह्मण ओर गरुडा गारो जाती एक है।
      जय श्रीकृष्णा।

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  28. भारत में अनेक ब्राह्मण वर्ण की जातिया हैं जो ब्राह्मण सूचक उपनाम लिखती है और प्रायः ब्राह्मण कर्मा जाति भी है । जिनमे एक गर्ग ( ब्राह्मण ) जाति भी है । एक भट्ट जाति है एक डाकोत जाति है एक जोशी जाति है एक महा ब्राह्मण जाति है एक साकलद्रीपी बाहमण जाति है एक गोसाई ब्राह्मण जाति है । ये सब ब्राह्मण जातिया है अर्थात स्वतग जातिया है । इनके गोत्र भी ब्राह्मण गोत्र होते है । लेकिन इन जातियां का वर्ण ब्राहमण है लेकिन ये स्वतत्र जातियां है अतः जाति के रूप में झ्हें जाना जाता है । इनके सदस्यो को जाति के नाम पर अपनी उपरोक्त स्वतंत्र जाति बताना होता है । ये सब जाति के कालम में जाति ब्राहमण नहीं लिखते भले ही झनका वर्ण ब्राहमण हो । बाकी मुख्य धारा के ब्राहमण अपना धर्म हिन्दू और जाति ब्राहमण लिखते है । किन्तु इन स्वतंत्र ब्राहमण जातियो का व्यक्ति व्यक्ति अपनी जाति ब्राह्मण नहीं लिखता । आरक्षण प्राप्त कोई भी ब्राहमण जाति का व्यक्ति अपनी जाति ब्राह्मण लिखकर आरक्षण नहीं प्राप्त कर सकता भले ही उसका वर्ण ब्राहमण क्यों न हो । यह भ्रामक है कि इन स्वतंत्र ब्राहमण जातियो के गोत के दूसरे ब्राहमण उच्च ब्राहमण माने जाते है । दरअसल गोत्र तो सब एक जैसे ही हर ब्राहमण समाज के होते है किन्तु ब्राहमणो के वे वंश जो किसी एक ऋषि के वंशज बताने वाले स्वतंत्र जाति वर्ग है उनका वर्ण जरूर ब्राहमण होता है किन्तु अकी जाति ब्राहमण नहीं होती । हस तरह गर्ग गोत्री उपनाम वाले ब्राह्मण सभी ब्राहमण वर्गों में पाए जाते है किन्तु गर्ग ब्राहमण जाति का अपना स्वतंत्र वर्ग है । यह गर्ग ब्राह्मण जाति है न कि ब्राह्मण जाति एसा ही सभी पिछड़ी ब्राहमण जातियो के साथ है । भारत की सभी पिछड़ी ब्राहमण जातियां ऐसी ही है । सके साथ सामाजिक भेद भाव हुआ है । ये सब बहिष्कृत तिरष्कृत और वंचित ब्राहमण जातियां है । ब्राहमण वर्ण को होते हुए भी ब्राहमण जाति में झके सदस्य नहीं आते ।

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    1. केवल आरक्षण के आधार पर यह भेद नहीं किया जा सकता की कोई जाति ब्राह्मण जाति है या केवल जाति। इन सभी ब्राह्मण जातियों को केवल इनकी आर्थिक सुधार् की दृष्टि से आरक्षण का फायदा दिया गया है। इन सभी जातियों का निर्माण केवल आरक्षण के आधार पर नहीं हुआ है बल्कि ये तो वैदिक सनातन काल से अस्तित्व में है। वर्तमान में तो EWS की भी सुविधा चालू की गई है तो जिन ब्राह्मणों ने इस सुविधा का लाभ लिया क्या वे ब्राह्मण नहीं कहलायेगा। बात करे गर्ग ब्राह्मण की तो गर्ग ब्राह्मण एक ब्राह्मण जाति मात्र ना होकर ब्रह्मनित्व् की पहचान है, विगत कुछ 5,6 साल पूर्व ही इन्हें OBC आरक्षण का फायदा दिया गया है परन्तु इस ब्राह्मण जाति के केवल मात्र गौत्र् ही नहीं बल्कि आचार् विचार्, कर्म, संस्कृति, परम्परा ठीक वैसी ही है जैसी अन्य ब्राह्मणों की है साथ ही सदेव अन्य ब्राह्मण के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर धर्म रक्षा में अपना कर्तव्य का निर्वहन किया है। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गर्ग ब्राह्मण समाज को बदनाम करने की जो साजिशे रची जा रही है उसमें वे कभी कामयाब नहीं होंगे।

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  29. we the garg,guru of western raj are descendents of rishi gargacharya.yahan hum sc caste k yha puja path evam muruht dekhne ka kaam krte h.is area m hame maharaj ya guru khte h.is me koi do rai ni h k hum brhamin h but dalit caste k kaam kaaj dekhne k karan sc se belong krte h.hamare yha jo pidi sunane wale nut aate h vo v hamara parichay garg ,guru brahmin k taur pr krti h.haridwar m upplabdh sakshyon m bhi hame bhrahmin bataya gya h to fr kese srf hm sc m ane se das ho gye??

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    1. पश्चिम राजस्थान में गर्ग गुरु नहीं गरुड़ ब्राह्मण निवास करते है,जो कथित गर्ग ब्राह्मण बन कर लोगों को गुमराह करते है, एक और तो ये लोग आंतरिक रूप से आरक्षण का फायदा लेते है दूसरी और गर्ग ब्राह्मणों का नाम का प्रयोग कर खुद को श्रेष्ठ साबित करने में लगे रहते है, जबकि इनके राजस्व रिकॉर्ड में इनकी जाती गरुड़ या गारो वर्णित है।। ये लोग जिस नाम से आरक्षण का फायदा लेते है उसी नाम का प्रयोग करने में इन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है, इन लोगों के कारण जो वास्तविक गर्ग गुरु ब्राह्मण है उन लोगों की गरिमा को गहरा आघात पहुंचा है।।

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  30. पश्चिमी राजस्थान में गर्ग गुरु गरुड़ा सब एक ही है किसी के मानने नहीं मानने से कोई फर्क नहीं पड़ता सब ब्राह्मणी है गाय के बछड़े को गाय ही बोलेंगे भैंस नहीं बोलेंगे वैसे ही आरक्षण सिर्फ समाज को ऊपर उठाने की कोशिश कर रहा है इसका मतलब यह नहीं की गरुड़ा गर्ग गुरु ब्राह्मण नहीं है यह सब ब्राह्मण हैं और ब्राह्मण ही रहेंगे इसे नहीं मानने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा इतिहास बोलता है इससे बड़ा कोई नहीं है जय श्री गर्गाचार्य नमः जय श्री कृष्णा जय श्री परशुराम

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  31. पश्चमी राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश सभी जगह गारु गरुडा/गारो जाति के लोग निवास करते है केवल उपनाम गर्ग प्रयोग करने से वे गर्ग ब्राह्मण नहीं है सकते, इतिहास और रिकॉर्ड बोलता है आप इतिहास को नहीं झुठला सकते।।

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  34. शूद्र और ब्राह्मण मे अंतर है गर्ग गुरु ब्राह्मण है बाकी जो कुछ लिखे वो ब्राह्मण नही हो सकता उसका इतिहास अलग ही होगा

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  35. Mera surname bhi garg hai.....hm bhi Brahmins hai.....hme yha maharaj/guru name se jaana jata hai.... rajput and other obc caste bhj hme maharaj bulate hai.....par hm sc me ate hai and haridwar me jo Brahmins hai unse hmari jaan pehchaan jyada hai ..

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    1. Surname se jati nahi banti sir. Ap apna rajsv record check kre wha apki jati kya likhi hai wo check kre. Yadi wo sc me shamil hai to nishchit rup se ap sc varg se hai

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  37. मे गर्ग वंशी ब्रहमंन् हु उदयपुर मे बस्सी ग़ाव का निवासी हु मे रे वंशजीओ ने आज तक पूजा पाठ का का काम किया आज भी कर रहे है हमारी उतपति भाट के चोपड़े से कन्नोज up से बताई गई है जो सालों से चलता आया है जो भाट कभी मारवाड नही गया ना ही उनका उल्लेख किया इसलिए हम पंच गौड़ ब्राह्मण है प्रणाम किसी के पास भी गर्ग ब्राह्मण का कोई भी इतिहास या संग्रह हो तो क्रप्या मुझे उपलब्ध करने का कस्ट करावे मुझे गर्ग के बारे मे पूरी जानकारी प्रदान करावे जिससे नकली गर्ग ब्राह्मण बनकर हमे बदनाम करने का काम कर रहे है प्रणाम ललित गर्ग, बस्सी, उदयपुर मो.7240105517

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  38. Bharat ke saare bramhan ki ek ketegari ho jaaye to hamara ek bada wotbenk bandakta hy...kya savindhanik rup se ye ho sakta hy 🚩jashvant pandya gandhinagar

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    1. Sai kaha hai aap ne ham Brahman ak dushare niche ucha dikhane chakar me aapne samaj bat diya Brahman sab Brahmaji Mukh Se Hi nikalega samaj akag nahi ho sakta Kiya kare ye sab samaj Bayne kam karke Rajniti karte log

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